मुम्बई की एक प्रसिद्ध तवायफ़ कामिनी की कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं। कम्मो की कहानी, उसी की जुबानी !
आपने इस चित्रकथा की पहली कड़ी में पढ़ा कि अपना अक्षत यौवन अपने पहले ग्राहक मोहन को बेचने के बाद
कामिनी यानि कम्मो ने सम्भोग को ही अपनी जीवन शैली बना लिया।
इस कड़ी में देखिए कि कम्मो की साथी लता ने कामिनी को अपने एक ग्राहक के सामने, उसके साथ
यौन आनंद लेने को आमंत्रित किया और इस प्रकार कामिनी ने अपने जीवन के पहले तिकोने यौन संसर्ग का अनुभव लिया !
इसके अलावा कम्मो बाई अपने विनम्र ग्राहकों से निपटने के लिए क्या क्या करती है?
‘कम्मो बाई स्वीकारोक्तियाँ’ की दूसरी कड़ी : ‘मेरा पहला तिकोना संसर्ग’ में !